अकार - इकार (Akarah - Ikarah)
जीस शब्द के अंत में आ का मात्रा होता है उसे अकार शब्द बोला जाता है |
जीस शब्द के अंत में ई का मात्रा होता है उसे इकार शब्द बोला जाता है |
अकारत: शब्द
सीता = स् + ई + त् + आ
माला = म् + आ + ल् + आ
गीता = ग् + ई + त् + आ
राधा = र् + आ + ध् + आ
लता = ल् + अ + त् + आ
इकारत: शब्द
वाणी = व् + आ + ण + ई
नदी = न् + अ + द् + ई
वेणी = व् + ए + ण + ई
लेखनी = ल् + ए + ख + अ + न् + ई
ददाति = द् + अ + द् + आ + त् + ई
अकारत नपुंसकलिंग
वनम् = जंगल
पुस्तकम् = किताब
नेत्रम् = आँख
पात्रम् = पात्र
चित्रम् = चित्र
शरीरम् = शरीर
कन्दुकम् = गेंद
फलम् = फल
मन्दिरम् = मंदिर
एकवचन
देव: = देव
चालक: = चालक (ड्राइवर)
छात्र: = छात्र
चषक: = ग्लाश
बालक: = लड़का
शिक्षक: = शिक्षक
विधालय: = स्कूल
पुरुष: = पुरुष
समुद्र: = समुद्र
बहुवचन
देवा = देवो
चालका = चालके (ड्राइवर)
छात्रा = छात्रे
चषका = ग्लाशे
बालका = लड़के
शिक्षका = शिक्षके
विधालया = स्कूलो
पुरुषा = पुरुषो
समुद्रा = समुद्रो
अकारत: पुलिंग शब्दनं
एकवचन
बालक: = लड़का
हस्त: = हाथ
पाद: = पौर
कर्ण = कान
देव: = देव
चालक: = चालक (ड्राइवर)
चषक: = ग्लाश
छात्र: = छात्र
द्विवचन
बालकौ = दो लड़कों
हस्तौ = दो हाथ
पादौ = दो पौर
कर्णोर्ण = दो कान
देवौ = दो देव
चालकौ = दो चालक (ड्राइवर)
छात्रौ = दो छात्र
चषकौ = दो ग्लाश
बहुवचन
बालका: = लड़कों
हस्ता: = हाथों,
पादा: = पैरो
कर्णा: = कानो
देवा: = देवो
चालका: = चालकों (ड्राइवरो)
चषका: = गिलासों
छात्रा: = छात्रों
इकारतः पुलिंग शब्दनं
एकवचन
कपि = बंदर
हरी: = हरा
मुनि: = तपस्वी
सन्धि: = समझौता
अरि: = छोटी तलवार
अतिथि: = अतिथि
मणि: = मनका
गिरि: = पहाड़ी
कवी = कवि
बहुवचन
कपय: = बंदरो
हरय: = हरा
मुनयः = तपस्वीरे
सनधय: = समझौते
अरयः = छोटी तलवारों
अतिथयः = अतिथियो
मुनयः = मनको
गरयः = पहाड़ीयो
कवयः = कवियो
In this post we are discussing how to use Akarah, Ikarah, Ekavachan, Dvivachan, Bahuvachan, Varna etc. This one is an video classes by just watching videos you can learn to speak in Sanskrit language without any difficulty
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