Tuesday, April 12, 2022

Learn Sanskrit – Video Class – 59/120 चतुर्थी विभक्ति प्रयोग - नमः - कुप्यति - क्रुध्यति - असूयति - ईर्ष्यति (chaturthi vibhkti priyog - Namah - Kupyati - Krudhyati - Asuyati - Irshyti)

चतुर्थी विभक्ति प्रयोग भवति | 

नमः - कुप्यति - क्रुध्यति = नमस्कार | - गुस्सा होना | - क्रोधित होना | 

चतुर्थी विभक्ति प्रयोग भवति |  नमः - कुप्यति - क्रुध्यति = नमस्कार | - गुस्सा होना | - क्रोधित होना |

शिवाय नमः | = शिव को नमस्कार करता हु | 
सरस्वती नमः | = सरस्वती को नमस्कार करता हु | 
अक्षय: संदिपाय न कुप्यति | = अक्षय संदीप पर गुस्सा होता है | 
माता शिशवेय् कदापि न कुप्यति | = माँ बच्चा पर कभी गुस्सा नहीं करती हैं | 
प्रजा: महाराजाय कुप्यन्ति | = प्रजा महाराजा पर गुस्सा होता है | 
मन्त्री सेव्केभ्य कुप्यन्ति | = मंत्री सेवक पर गुस्सा होता है | 
गीत बिनिताय क्रुध्यति | = गीता बिनीता पर क्रोधित होती है | 
अनिता सुजाताय सर्वदा क्रुध्यति | = अनीता सुजीता पर हमशा क्रोधित रहती है | 

असूयति | = नाखुश | 

असूयति | = नाखुश |

भिक्षुकः धनिकाय असूयति | = भिखारी पैसा से नाखुश है | 
गीता राधिकायै असूयति | = गीता राधिका से नाखुश है | 
चोरः साअनेभ्य असूयति | = चोर सामाने से नाखुश है | 
राक्षसः तापसेभ्य असूयति | = राक्षस तपस्वीयो से नाखुश है | 
महिला महिलेभ्य असूयति | = महिला महिलाये से नाखुश है | 
भिक्षुकः धनिकेभ्य असूयति | = भिखारी धने से नाखुश है | 
बालकः बलिकेभ्य असूयति | = लड़का लड़की से नाखुश है | 
रावण रामाय असूयति | = रावण राम से नाखुश है | 
अर्जुन: करणाय असूयति | = अर्जुन कारण से नाखुश है | 
पार्वति रमायै असूयति | = पार्वती रमा से नाखुश है | 
मोनिका स्नेहाययै असूयति | = मोनिका स्नेहा से नाखुश है | 
मोनिका राधाययै असूयति | = मोनिका राधा से नाखुश है | 
राधा पार्वतिययै असूयति | = राधा पार्वती से से नाखुश है | 

ईर्ष्यति | = दुश्मनी | 

ईर्ष्यति | = दुश्मनी |

दुष्टः सज्ज्नाय ईर्ष्यति | = दुष्ट से संजना की दुश्मनी है | 
भीम: राघवाय ईर्ष्यति | = भीम. से राघव का दुश्मनी है | 
मोहन: विजयाय ईर्ष्यति | = मोहन से विजय का दुश्मनी है | 
मनोज: संजिवाय ईर्ष्यति | = मनोज से संजीव का दुश्मनी है | 
मुखेश: राजेशाय ईर्ष्यति | = मुखेश से राजेश का दुश्मनी है | 
राजेश: मोहनाय ईर्ष्यति | = राजेश से मोहन का दुश्मनी है | 
राजेश: मनोजाय न ईर्ष्यति | = राजेश से मनोज का दुश्मनी नहीं है | 
मोहन: सञ्जिवाय न ईर्ष्यति | = मोहन से संजीव का दुश्मनी नहीं है | 
मुखेश: विजयाय न ईर्ष्यति | = मुखेश से विजय का दुश्मनी नहीं है | 
मुखेश: मोहनाय न ईर्ष्यति | = मुखेश से मोहन दुश्मनी नहीं है | 
संजीव: विजयाय न ईर्ष्यति | = संजीव से विजय का दुश्मनी नहीं है | 

बहुवचन 
देवा: राक्षसेभ्य ईर्ष्यन्ति | = देव को राक्षसे से दुश्मनी है | 
राक्षसा: देवेभ्य ईर्ष्यन्ति | = राक्षस को देवो से दुश्मनी है | 
कौरवा: पाण्डवेभ्य ईर्ष्यन्ति | = कोरवा को पांडव से दुश्मनी है | 
खला: सअनेभ्य ईर्ष्यन्ति | = खला को सेना से दुश्मनी है | 
निर्धना: धनिकेभ्य ईर्ष्यन्ति | = निर्धना को धने दुश्मनी है | 
पार्वति रामायै ईर्ष्यन्ति | = पार्वती को रमा से दुश्मनी है | 
मीर लेखाययै ईर्ष्यन्ति | = मीरा को लेखया से दुश्मनी है | 
पाण्डा: कौरवेभ्य न ईर्ष्यन्ति | = पांडा को कौरवा से दुश्मनी नहीं है | 
कृष्ण: अर्जुनाय न ईर्ष्यन्ति | = कृष्णा को अर्जुन से दुश्मनी नहीं है | 

In this post we are discussing how to use chaturthi vibhkti priyog, Namah, Kupyati, Krudhyati, Asuyati, Irshyti, Varna etc. This one is an video classes by just watching videos you can learn to speak in Sanskrit language without any difficulty 

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