Wednesday, April 13, 2022

Learn Sanskrit – Video Class – 67/120 सप्तमी विभक्ति रुपम् प्रयोग भवति - षष्ठी विभक्ति अश्विन एव अर्थे सप्तमि विभक्ति - स्निह्यति (Saptami vibhakti rupam prayog bhavati - Shashthi vibhakti ashvin ev arthe saptami vibhakt - Snihyti)

सप्तमी विभक्ति रुपम् प्रयोग भवति | 

सप्तमी विभक्ति रुपम् प्रयोग भवति |

वृक्षे फलानि सन्ति | = पेड़ में फले है | (There is fruit in the tree.)
गृहे अनुजः अस्ति | = घर में छोटा भाई है | (There is a younger brother in the house.)
मम् गृहे पञ्च जनाः स्मः | = मेरे घर पर पांच लोग आये हुये है | (Five people have come to my house.)
अहं ग्रन्थालये पुस्तकं पठामि | = मै पुस्तकालये में किताब पडता हु | (I read a book in the library.)
बेङ्गलूरुनगरे रामः वसति | = बेंगलुरु नगर में राम रहता है | (Ram lives in Bangalore city.)

सप्तमी विभक्ति बहुवचन प्रयोग भवति | 

सप्तमी विभक्ति बहुवचन प्रयोग भवति |

जनाः ग्रामेषु वासं कुर्वन्ति | = लोग गाँव में रहते है | (People live in the village.)
पुष्पेषु मृत्तिका सन्ति | = फूले पर मिट्टी है | (There is soil on the flower.)
नदीषु जलचराः वासंती | = नदिया में जलीय जीव रहते है | (Aquatic animals live in the river.)
वेदेषु वैज्ञानिकी अपि अस्ति | = विदेश में वैज्ञानिक भी है | (There is also a scientist abroad.)
बहुषु राष्टेषु संस्कृत सम्भाषण नास्ति | = बहुत राष्ट्र में संस्कृत सम्भाषण नहीं है | (Sanskrit speech is not there in many countries.)

श्लोकं सप्तमी विभक्ति प्रयोग | 

श्लोकं सप्तमी विभक्ति प्रयोग |

उत्सवे व्यसने चैव दुर्भिक्षे शत्रुविप्लवे | राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः | | 

अर्थ = जो किसी उत्सव में, बुरे समय में , दुर्भिक्ष (अकाल ) के समय में , किसी शत्रु के द्वारा उत्पन्न में  संकट के समय, राजद्वार में तथा श्मशान में साथ होता है वह बंधु होता है | 

(One who accompanies in any festival, in bad times, in times of famine, in times of crisis caused by an enemy, in the royal gate and in the cremation ground is a brother.)

सप्तमी विभक्ति रुपानी ज्ञातवन्तः |  

हस्ते दण्डः अस्ति | = हाथ पर छड़ी है | (There is a clock on hand.)
मम् संस्कृते रुची: अस्ति | = मुझे संस्कृत में इच्छा है | (i want in sanskrit)
मम् गुरौ सार्ध अस्ति | = मेरे गुरु में सर्धा है | (My Guru has Sardha.)
मम् पुस्तकः पठने आक्ति अस्ति | = मुझे किताब पढ़ने में अच्छा लगता है | (I enjoy reading book.)
मम् वेदे रुची: अस्ति | = मुझे वेद करने में इच्छा है | (I want to do Vedas.)
सर्वे जनाः समाजसेवायां उत्सुकाः सन्ति | = सब लोग समाजसेवा करने में उत्सुक है | 
(Everyone is eager to do social service,)
अजयस्या भोजने रुची: अस्ति | = अजय को भोजन करने में अच्छा लगता है | (Ajay likes to eat food.)

षष्ठी विभक्ति अश्विन एव अर्थे सप्तमि विभक्ति अपि भवति | 

षष्ठी विभक्ति अश्विन एव अर्थे सप्तमि विभक्ति अपि भवति |

पाण्डेषु युधिष्ठिर: ज्येष्ठः | = पाण्डव में सबसे बड़ा भाई युधिष्ठिर था | 
(The eldest brother of the Pandavas was Yudhishthira.)
ऋतुषु वसन्तः सुखदायक: | = ऋतु में वसंत सूखा है | (Spring is dry in season.)
कविषु कालिदासः श्रेष्ठ: | = कवि में सबसे बड़ा कालिदास है | (Kalidas is the greatest among the poets.)
राष्टपुरुषेषु विवेकानन्द: उतमः | = राष्ट्रपुरुष में विवेकानंद सबसे अच्छा थे | 
(Vivekananda was the best among the nation.)
वानरेषु हनुमान बलमान | = बंदरो में सबसे बलवान बलवान है |  (The strongest of the monkeys is the strongest.)
देशेषु भारत: देशः श्रेष्ठ | = देशो में सबसे बड़ा देश भारत है | (India is the largest country among the countries.)

श्लोकं (Shlokam)

श्लोकं (Shlokam)

पुष्पेषु  चम्पा, नगरीषु  लङ्का, नदीषु  गङ्गा, च नृपेषु  रामः | योषित्सु  रम्भा,  पुरुषेषु  विष्णुः,  काव्येषु  माघः, कविकालिदासः ||

अर्थ = फूलों  में  फुल  चम्पा  का, नगरी में  लङ्का , नदी  में  गङ्गा ,  राजाओं  में  राम , स्त्रियों  में  रम्भा , पुरुषों  में विष्णु , काव्यों में  माघ और  कवियों में कालिदास  सर्वश्रेष्ठ  है | 

(Meaning = Full of Champa in flowers, Lanka in the city, Ganga in the river, Rama among kings, Rambha among women, Vishnu among men, Magha in poetry and Kalidas among poets.)

सप्तमी विभक्ति प्रयोग भवति | 

स्निह्यति = स्नेह/प्रेम (Snihyti)

सप्तमी विभक्ति प्रयोग भवति |  स्निह्यति = स्नेह/प्रेम (Snihyti)


तिलकः सिवत: स्निह्यति | = तिलक को सिवत में स्नेह है | (Tilak has affection in Siwat.)
सिवत: मंजूनाथे: स्निह्यति | सिवत को मंजूनाथ में स्नेह है | (Siwat has affection for Manjunath.)
पिता पुत्रे स्निह्यति | पिता को बेटी में स्नेह है | (The father has affection for the daughter.)
रावणः रमे न स्निह्यति | रावण को राम पर प्रेम नहीं था | (Ravana had no love for Rama.)
भीम: अर्जुने स्निह्यति | भीम को अर्जुने पर स्नेह है | (Bhima has affection for Arjuna.)
गुरु: शिष्ये स्निह्यति | गुरु को शिष्ये पर स्नेह है | (The Guru has affection for the disciple.)

बहुवचन 
जननी पुत्रेषु स्निह्यति | = माँ को बेटी पर प्रेम है | (Mother loves daughter.)
श्रीराम प्रजाषु स्निह्यति | श्रीराम को प्रजाये पर प्रेम है | (Shri Ram has love for the subjects.)
भगिनी भ्रातरेषु स्निह्यति | = बहन को भारत पर प्रेम है | (Sister loves India.)
सज्जऱ: सर्वेषु स्निह्यति | = सज्जऱ को सब पर स्नेह है | (The gentleman has affection for everyone.)
पिता पुत्र्येषु स्निह्यति | = पिता को बेटीया पर स्नेह है | (Father has affection for daughters.)


In this post we are discussing how to use Saptami vibhakti rupam prayog bhavati, Shashthi vibhakti ashvin ev arthe saptami vibhakt, Snihyti, Varna etc. This one is an video classes by just watching videos you can learn to speak in Sanskrit language without any difficulty    

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